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22 साल बाद दोहराया इतिहास लोकसभा मे हुआ हमला

22 साल बाद दोहराया इतिहास लोकसभा मे हुआ हमला

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किसने कैसे तथा कब किया लोकसभा पर हमला

ठीक 22 साल पहले संसद में आतंकवादी घुसे थे कल ही के दिन और कल ही संसद की सुरक्षा में ऐसी चूक हुई है जो घटना से हास्यास्पद लगती है मगर डरावनी भी है यह मामला इतना हल्का नहीं की खेल तमाशा की तरह खत्म मान लिया जाए कोई ईसे देखकर कह सकता है कि भारत की संसद की सुरक्षा चाक चौबंद है इसमें कोई सेंध नहीं लग सकता लेकिन आज वह भ्रम टूट गया की 13 दिसंबर 2001 की घटना के बाद से सुरक्षा के सबक सीख लिए गए हैं | और अब दोबारा चुक नहीं होगी लेकिन कल के घटना से यह साफ हो जाता है  | कि संसद की सुरक्षा का स्तर वैसा नहीं हुआ यह घटना बता रही है कि चूक बहुत आसान है जिस वक्त यह सब हो रहा था सदन के भीतर डेढ़ सौ सांसद मौजूद थे 

केंद्र सरकार के 6 मंत्री भी थे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी वहां मौजूद थे बीजेपी के सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे तभी एक युवक कूद कर नीचे आ गया अब देखना यह है कि जवाब आता है कि संसद भवन में जो चूक हुई है उसे लेकर कहानी बनाई जाती है और फैलाई जाती हैं जवाब क्या आना चाहिए |

संसद की सुरक्षा में चुक कैसे हो गई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है?

आपको देखना यह है कि मीडिया में कौन सा सवाल बड़ा किया जाता है संसद में घुसने वाले कौन थे यह सवाल तो बड़ा होना ही चाहिए लेकिन क्या गोदी मीडिया पूछेगा कि संसद की सुरक्षा में सेंध कैसे लगी और इसके लिए जिम्मेदार कौन है| नई-नई बनी संसद में एक व्यक्ति लोकसभा में दर्शक दीर्घा से नीचे कूद जाता है उसके बाद वह सांसदों की बेंच पर चलांग लागाने लगता है इस समय शून्य काल चल रहा होता है आगे बढ़ता जाता है काफी देर तक उसके पीछे कोई सुरक्षा कर्मी दिखाई नहीं देता जल्दी ही सदन में पीले रंग की गैस भर जाती है सदन में उसी वक्त अफरा तफरी मच गई | 

कई महिला सांसदों को लंगते हुए वह आगे बढ़ता रहा इन्हीं का एक साथी दर्शक दीर्घा से लटका हुआ था वह भी कूद जाता है और गैस छोड़ता है जैसा कि कांग्रेस सांसद अधीरंजन चौधरी ने मीडिया से कहा “इन दो को किसी सुरक्षा कर्मी ने नहीं पकड़ा एक को कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह ने पकड़ा और एक को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने पकड़ा” सांसद बेनीवाल ने कहा कि ”इन युवकों के इरादे कुछ और थे यह बेंच पर कूदते हुए अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाना चाह रहे थे एक युवक को मैंने पकड़ा और दूसरे को अन्य ने“ लोकसभा की बेंच पर उछलते कूदते कोई युवक चला आ रहा है सांसद देख रहे हैं कि कोई अध्यक्ष की कुर्सी की तरफ बढ़ता चला आ रहा है इतनी देर हो गई और सुरक्षा कर्मी नहीं आया यह कैसे हो सकता है? यह किसकी सरकार है जब देश की संसद सुरक्षित नहीं है|


दर्शक दीर्घा की उचाई इतनी काम क्यू ?

दर्शक दीर्घा की ऊंचाई 6 से 6:30 फीट के करीब बताई जाती है| पुरानी संसद में दर्शक दीर्घा और प्रेस दीर्घा काफी ऊंचाई पर है वहां से कूदना संभव नहीं अगर कोई कूदा तो चोट आ सकती है अगर नई संसद के भीतर दर्शक दीर्घा की ऊंचाई मात्र 6 या 6:30 फीट रखी गई है तो बहुत कम है| इस तरह की डिजाइन की अनुमति क्या सोच कर दी गई यह भी सवाल उठाना चाहिए अच्छी बात है कि हमारे सांसद फुर्तीले हैं घबराए बल्कि आगे बढ़कर पकड़ लिया

क्या कहा उन लड़कों को पकड़ने वाले संसद हनुमान और अधिरंजन चौधरी ने

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि “जब दोनों लड़कों को दबोच लिया गया तो उन्होंने बताया कि हम विरोध कर रहे हैं फिर अचानक अपने जूते से पीले रंग का स्मोक कलर निकाल लिया” पकड़ने से पहले और पकड़ने के बाद भी उन लड़कों ने काफी धुआं छोडा| इससे सदन के भीतर धुआं फैल गया सभी सांसद घबरा गए कुछ का दम भी घुटने लगा सांसदों में इस बात का डर था कि कहीं यह गैस जहरीले तो नहीं साथी उनके पास कोई हथियार तो नहीं है हनुमान बेनीवाल का बयान बहुत जरूरी हैयुवकों ने जूते से पीले रंग का स्मोक कलर निकला|

एयरपोर्ट पर जूते उतरवा कर चेकिंग की जाती है संसद में क्यों नहीं की जाती आखिर वहां किस तरह से चेकिंग होती है| कम से कम दर्शक दीर्घा में आने वालों की ऐसी चेकिंग होनी चाहिए और अगर ऐसी चेकिंग होती है तब तो और गंभीर सवाल उठते हैं कि जूते में स्मोक कलर लेकर कोई भीतर कैसे आ सकता है ।

संसद के भीतर का स्कैनर क्या काम नहीं कर रहा था ?

ऐसा हो ही नहीं सकता है यही एक घटना नहीं हुई है इसके एक घंटा पहले संसद परिसर के बाहर एक लड़का और एक लड़की को पकड़ा गया तब वहां भारी सुरक्षा थी उनके हाथ में छोटा सा कंटेनर था जिससे गैस निकलरही थी| 12:30 बजे इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया इसके 1 घंटे के बाद लोकसभा की गैलरी से कोई सदन के भीतर कूद जाता है जिस जगह पर विपक्ष के नेताओं को भी मुश्किल से प्रदर्शन करने की अनुमति मिलती है| वहां पर कोई हाथ में गैस लेकर कैसे आ गया क्या पुलिस ने नहीं पूछा कि इनका कोई और साथी है भीतर हो सकता है|

कहा थे कमांडो जब हुआ हमला ?

लोकसभा के भीतर कैसे घुसा संसद की सुरक्षा जेड प्लस की होती है| वहां कमांडो तैनात होते हैं मगर वह सब कहां थे कैसी-कैसी तस्वीर आ रही है सांसद को मिलकर उसे पीटना पड़ा| हमारे सांसदों में इतनी फुर्ती है लेकिन सुरक्षा कर्मियों में तो उनसे भी ज्यादा फुर्ती होनी चाहिए थी| कांग्रेस सांसद ने कहा कि “इस घटना के दौरान सुरक्षाकर्मी सदन में नहीं आए मार्शल सिक्योरिटी के लोगों को दो से तीन मिनट से ज्यादातर समय लगा लड़कों को काबू करने के बाद भी वे छुड़ाने का प्रयास करते रहे हमने उन्हें नहीं छोड़ा” सांसद बेनीवाल ने कहा कि “संसद भवन के मार्शल आने से पहले ही दोनों को दबोच लिया गया लोकसभा के भीतर सुरक्षा में चूक हो जाए और इतनी देर तक सुरक्षाकर्मी हरकत में ना आए विश्वास नहीं होता” ऐसी स्थिति में किस तरह के प्रोटोकॉल होने चाहिए सांसदों के लिए क्या होने चाहिए नजर नहीं आया सांसद अपनी जान जोखिम में डाल रहे थे गैस की शक्ल में कोई जानलेवा चीज भी हो सकती थी|

सागर शर्मा कौन है बीजेपी संसद प्रताप सिंह के बीच की संबंध है -

गिरफ्तार हो गए कुल चार गिरफ्तारियां हुई हैं यह मामला गंभीर क्यों है क्योंकि एक नौजवान की पहचान सागर शर्मा के रूप में हुई है सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है सागर को कांग्रेस सांसद गुरजीत ने पकड़ा कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाथ ने ट्वीट किया है कि यही वह पास है जो सागर शर्मा के लिए जारी किया गया इस पर भाजपा के सांसद प्रताप सिंह का नाम है प्रताप सिंह शुरू से बीजेपी के सांसद है और सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है सागर की बहन ने भारत समाचार न्यूज़ चैनल से कहा है कि ”पहले वह बेंगलुरु में नौकरी करता था कुछ दिनों से ई-रिक्शा चलाने लगा था कई सांसदों ने मीडिया में कहा है कि आगंतु का पास सांसद जारी नहीं करते केवल नाम प्रस्तावित करते हैं पास लोकसभा सचिवालय जारी करता है तो क्या सांसद किसी का भी नाम प्रस्तावित कर देते हैं कुछ तो जानकारी लेते होंगे एक सवाल है 

नीलम आजाद कौन है कौन है ये अमोल सिंदे?

नीलम हरियाणा की है अमोल शिंदे 25 साल के हैं महाराष्ट्र के हैं हिसार की नीलम ने कहा कि वह बेरोजगारी का मुद्दा उठाना चाहती थी दिल्ली पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है इन मामलों में जानकारियां अभी आती रहेगी | आपको याद होगा ट्रंप का दौरा होने वाला था अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप दिल्ली आने वाले थे चारों तरफ अलर्ट था मगर दिल्ली में दंगे शुरू हो जाते हैं उसके बीच एक नया पुलिस कमिश्नर लाया जाता है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को पूर्वी दिल्ली का दौरा करना पड़ा था मजबूत सरकार का यह रिकॉर्ड या इन घटनाओं के सहारे अगर आप मजबूत सरकार का रिकॉर्ड चेक करेंगे तो आप काफी मजबूत अनुभव करेंगे

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