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रीवा में दिल का दौरा: माह भर में 120 मौतें, 1300 मरीज अस्पताल पहुंचे

रीवा में दिल का दौरा: माह भर में 120 मौतें, 1300 मरीज अस्पताल पहुंचे


रीवा। Bahut ठंड में हार्ट अटैक जानलेवा बन रहा है। हार्ट की बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है और पल भर में जिंदगियां काल के गाल में समा जाती है। कई बार तो लोगों को पता भी नहीं चलता और सोते सोते हार्ट अटैक से लोगों की मौत हो जाती है। दिसम्बर माह में आए सबसे ज्यादा मरीज अस्पताल में इस समय सबसे ज्यादा हृदय रोग से पीडित मरीज इलाज करवा रहे है।

अकेले दिसम्बर माह में ही हार्ट अटैक लोगो के लिए जानलेवा बन कर सामने आया है और इसमें एक दो नहीं बल्कि एक सैकड़ा से अधिक जिंदगियां काल के गाल में समा गई है। संजय गांधी अस्पताल व सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में प्रतिदिन दस से पन्द्रह के लगभग मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे है जिनको हार्ट से जुड़ी समस्या है। 1 दिसम्बर से लेकर अभी तक करीब 1300 के लगभग दोनों अस्पताल में उपचार के लिए आए थे।

प्रतिदिन दो से तीन मौते

इनमें से करीब 120 के लगभग मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रतिदिन दो से तीन मौते हृदय गति रुकने से दोनों ही अस्पतालों में हो रही है। सोते समय हो जाती है मौत कई बार तो सोते समय लोगों को अचानक हार्ट अटैक आता है और सुबह वे बिस्तर में मृत अवस्था में पड़े मिलते है। संजय गांधी अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी में मरीज हृदय रोगियों से पूरी तरह फुल है और वहां पैर रखने की जगह नहीं है। हालत यह है कि कम गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने तक की जगह नहीं बची है।

युवा वर्ग के लोगों में हार्ट अटैक सबसे ज्यादा

कोरोना ने सबसे ज्यादा फेफड़ों व हार्ट को पहुंचाया नुकसान कोरोना ने सबसे ज्यादा लोगों के फेफड़ों और हार्ट को नुकसान पहुंचाया है। जिन लोगों को भी कोरोना हुआ था उनके फेफड़े और हृदय कमजोर हुए है। यही कारण है कि अधिकांश लोग लोग इन बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। युवा वर्ग के लोगों में हार्ट अटैक सबसे ज्यादा कोरोना की वजह से ही आ रहे है और काम करते- करते अचानक उनकी हार्ट अटैक से मौत हो जाती है। सबसे ज्यादा से 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हार्ट अटैक का खतरा रहता है। इसके अतिरिक्त डायबटिज, ब्लड प्रेशर जैसे मरीज भी डेंजर जोन में रहते है।

मरीजों को दिया जा रहा समुचित उपचार हृदय रोग से ग्रसित प्रतिदिन काफी संख्या में मरीज आते है। ठंड के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। प्रतिदिन दो से तीन मौते हृदय गति रुकने से हो रही है। अस्पताल में भर्ती मरीजों का चिकित्सकों द्वारा समुचित इलाज कर उनको दवाईयां प्रदान की जा रही है। ठंड से लोग बचने का प्रयास करें जिससे हृदय गति रुकने की संभावना न रहे।

डा. अतुल सिंह, उपअधीक्षक एसजीएमएच

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