मुख्यमंत्री पर वित्तीय विभाग का प्रतिबंध, लाड़ली बहना योजना पर संकट!
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर वित्त विभाग ने एक कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। पिछले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री ने कई ताबड़तोड़ घोषणाएं की थीं, जिससे वित्त विभाग ने नाराज होकर यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के खिलाफ सीधे तौर पर कुछ कहने की हिम्मत नहीं दिखाते हुए, मध्य प्रदेश शासन के सभी विभागों को एक सख्त सर्कुलर जारी कर दिया गया है। इस सर्कुलर में कहा गया है कि वित्त विभाग की अनापत्ति के बिना अब कोई भी विभाग कोई नई घोषणा नहीं करेगा।
क्या लाड़ली बहना योजना बंद होगी?
भारतीय जनता पार्टी की सरकार की महत्वाकांक्षी "लाड़ली बहना योजना," जो लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली थी, अब संकट में आ सकती है। वित्त विभाग द्वारा जारी ताजा निर्देशों के अनुसार, सभी विभागों को ज़ीरो बजटिंग प्रक्रिया के तहत ऐसी योजनाओं की पहचान करनी होगी, जिनकी वर्तमान उपयोगिता समाप्त हो चुकी है। इस लिस्ट में कई योजनाओं के नाम शामिल हो सकते हैं, लेकिन सबसे प्रमुख नाम 'लाड़ली बहना योजना' का है।
हाल ही में मध्य प्रदेश कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक बयान में इशारा किया था कि कुछ योजनाएं बंद हो सकती हैं, हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर 'लाड़ली बहना योजना' का नाम नहीं लिया था। लेकिन उन्होंने जनता से समर्थन की अपील जरूर की थी, जो यह दर्शाता है कि सरकार इस योजना को समाप्त करने के बारे में विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर वित्तीय नियंत्रण
वित्त विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी नई योजना की घोषणा अब आसान नहीं होगी। विभागों को प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजने से पहले प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। इसके बाद, बजट चर्चा से पहले संक्षेपिका समेत सभी आवश्यक अनुमोदन के साथ प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जाएगा।
नई योजनाएं केवल तभी प्रस्तावित की जाएंगी जब केंद्र सरकार के बजट में इनके लिए स्पष्ट प्रावधान हो। इसका मतलब यह है कि अब प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नई योजना की घोषणा नहीं कर पाएंगे।