अमेरिका ने ‘Minuteman III’ मिसाइल का सफल परीक्षण किया: जानिए क्यों यह दुनिया के लिए बड़ा संदेश है
तारीख: 22 मई 2025
कैलिफोर्निया – अमेरिका ने 21 मई को कैलिफोर्निया स्थित वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से अपनी परमाणु क्षमता वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल Minuteman III का सफल परीक्षण किया। इस परीक्षण ने एक बार फिर से वैश्विक सुरक्षा, परमाणु संतुलन और तकनीकी शक्ति को लेकर कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं।
जहां एक ओर यह परीक्षण एक रूटीन प्रक्रिया के तहत किया गया था, वहीं दूसरी ओर यह दुनिया के बाकी देशों को अमेरिका की परमाणु तैयारी और शक्ति का सशक्त संकेत भी है।
विशेषताएं:
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परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
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सॉलिड फ्यूल टेक्नोलॉजी आधारित, जिससे लॉन्च समय कम होता है
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तीन चरणों में उड़ान, जिससे लंबी दूरी तय करना संभव होता है
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ग्लोबल रीच, यानी दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंचने की क्षमता
इस बार के परीक्षण में क्या हुआ?
परीक्षण 21 मई को स्थानीय समयानुसार रात 12:01 बजे किया गया। मिसाइल को कैलिफोर्निया से लॉन्च किया गया और यह करीब 6,760 किलोमीटर दूर मार्शल आइलैंड्स स्थित Kwajalein Atoll पर गिरा, जो इस तरह के परीक्षणों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है।
अमेरिकी वायुसेना के अनुसार, यह परीक्षण पूरी तरह से सफल रहा और इससे अमेरिका की न्यूक्लियर स्ट्राइक क्षमता की सटीकता व विश्वसनीयता की पुष्टि हुई है।क्यों किया गया यह परीक्षण?
हालांकि अमेरिका ने यह साफ किया है कि यह परीक्षण पहले से तय था और इसका मौजूदा वैश्विक तनाव से कोई संबंध नहीं है, फिर भी यह परीक्षण एक रणनीतिक संदेश जरूर देता है:
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यह परीक्षण दिखाता है कि अमेरिका की परमाणु रक्षा प्रणाली अब भी पूरी तरह सक्रिय और तैयार है।
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यह सहयोगी देशों को आश्वस्त करने के लिए एक संकेत है कि अमेरिका उन्हें बचाने में सक्षम है।
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साथ ही, यह शत्रु देशों को चेतावनी भी है कि अमेरिका की परमाणु क्षमताएं सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत हैं।
क्या ये ‘डूम्सडे मिसाइल’ है?
‘डूम्सडे मिसाइल’ शब्द मीडिया और लोगों के बीच इस मिसाइल को लेकर काफी प्रचलित है। इसका कारण है इसकी विनाशकारी शक्ति। यदि इसे युद्ध में इस्तेमाल किया जाए, तो यह पूरे शहरों को तबाह कर सकती है। हालांकि, अभी यह मिसाइल निष्क्रिय (Unarmed) थी, यानी इसके साथ परमाणु वारहेड नहीं जोड़ा गया था।
कौन सी मिसाइल लेगी इसकी जगह?
Minuteman III को अमेरिका अब धीरे-धीरे LGM-35A Sentinel मिसाइल से बदलने की योजना बना रहा है। Sentinel एक अत्याधुनिक ICBM प्रणाली होगी, जिसमें साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एडवांस्ड गाइडेंस सिस्टम शामिल होंगे।
हालांकि इस नए सिस्टम के विकास में कुछ तकनीकी और बजटीय देरी हो रही है, जिस कारण Minuteman III को अब 2050 तक सेवा में बनाए रखने की योजना है।
वैश्विक प्रतिक्रिया क्या रही?
इस परीक्षण पर रूस, चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों की निगाहें ज़रूर होंगी, लेकिन अमेरिका की तरफ से यह एक रूटीन परीक्षण बताया गया है। अब तक किसी बड़े देश की तरफ से इस परीक्षण पर आपत्ति नहीं जताई गई है।
कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे परीक्षणों से परमाणु शक्ति के संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है। यह अमेरिका के विरोधी देशों को यह याद दिलाता है कि उनकी हरकतों पर अमेरिका की पैनी नज़र है।
क्या आम जनता को घबराने की ज़रूरत है?
इस तरह के परीक्षण अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत होते हैं और ये पूरी तरह से सुरक्षित वातावरण में किए जाते हैं। आम लोगों को इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है। बल्कि यह परीक्षण यह सुनिश्चित करता है कि अगर कभी संकट आता है, तो अमेरिका पूरी तरह तैयार है।
निष्कर्ष-Minuteman III का यह सफल परीक्षण न सिर्फ अमेरिका की रक्षा प्रणाली की ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। जहां दुनिया एक ओर शांति की ओर बढ़ना चाहती है, वहीं यह भी जरूरी है कि परमाणु शक्ति रखने वाले देश अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
अमेरिका का यह कदम दर्शाता है कि वह न सिर्फ तकनीकी रूप से सक्षम है, बल्कि रणनीतिक रूप से भी सतर्क है।
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