अविनाश तिवारी: बघेली सिनेमा के सुपरस्टार और सीधी की शान
मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले की धरती ने कई प्रतिभाशाली कलाकारों को जन्म दिया है, और उन्हीं में से एक हैं अविनाश तिवारी, जो आज बघेली फिल्म इंडस्ट्री के सबसे लोकप्रिय और चर्चित चेहरों में से एक हैं। अविनाश तिवारी न केवल एक एक्टर (Actor) हैं, बल्कि लेखक (Writer), निर्माता (Producer) और कॉमेडियन (Comedian) के रूप में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई है।
उनकी मेहनत, अभिनय कौशल और बघेली भाषा के प्रति प्रेम ने उन्हें आज “विंध्य क्षेत्र का सुपरस्टार” बना दिया है।
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| Avinash Tiwari Sidhi Madhya Pradesh |
🎬 करियर की शुरुआत और संघर्ष की कहानी
अविनाश तिवारी का जन्म और पालन-पोषण सीधी, मध्य प्रदेश में हुआ। बचपन से ही उन्हें अभिनय और कला में गहरी रुचि थी। स्थानीय स्तर पर मंच प्रस्तुतियों से शुरुआत करते हुए उन्होंने धीरे-धीरे बघेली फिल्म जगत में अपनी जगह बनाई।
उनकी सफलता की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं — सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने हुनर और लगन से वह मुकाम हासिल किया, जिसकी कल्पना कई युवा कलाकार करते हैं।
🌟 प्रमुख फिल्में और उपलब्धियाँ
अविनाश तिवारी ने बघेली सिनेमा को नई दिशा दी। उनकी कई फिल्में दर्शकों के दिलों में बस गईं, जैसे:
- सौचालय एक प्रेम कथा (Sauchalay Ek Prem Katha) – इस फिल्म ने ग्रामीण समाज में स्वच्छता और सामाजिक संदेश को मनोरंजन के साथ जोड़ते हुए नई पहचान बनाई।
- सच्चा देशभक्त (Sachha Deshbhakt) – एक प्रेरणादायक फिल्म जिसने देशभक्ति और सामाजिक जागरूकता का शानदार संगम पेश किया।
- मनरेगा (Manrega) – इस फिल्म में अविनाश तिवारी ने आम मजदूर वर्ग की भावनाओं और संघर्षों को बखूबी दिखाया।
- पूस के रात (Poos Ke Raat) – एक भावनात्मक कहानी, जिसमें उनके अभिनय ने लोगों को गहराई से प्रभावित किया।
इन फिल्मों के माध्यम से अविनाश तिवारी ने न केवल बघेली सिनेमा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि अपने क्षेत्र के कलाकारों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने।
🎤 बॉलीवुड से जुड़ाव और सहयोग
अविनाश तिवारी ने कई नामी बॉलीवुड कलाकारों के साथ भी काम किया है।
विशेष रूप से, प्रसिद्ध गायक उदित नारायण (Udit Narayan) के साथ उनका सहयोग बेहद चर्चित रहा। इससे यह साबित होता है कि अविनाश केवल क्षेत्रीय स्तर तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनकी कला का दायरा अब राष्ट्रीय स्तर तक फैल चुका है।
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🌍 सोशल मीडिया पर लोकप्रियता
आज के डिजिटल युग में अविनाश तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का शानदार उपयोग किया है।
उनके YouTube चैनल, Instagram अकाउंट और Facebook पेज पर लाखों फॉलोअर्स हैं।
उनकी कॉमेडी वीडियो, रील्स और बिहाइंड-द-सीन क्लिप्स दर्शकों के बीच काफी पसंद की जाती हैं।
उनका एक-एक डायलॉग, एक-एक वीडियो बघेली संस्कृति की झलक दिखाता है।
💬 विवाद और चर्चाएँ
मई 2025 में अविनाश तिवारी एक विवाद में भी रहे, जब उन पर एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि उन्होंने फिल्म प्रोजेक्ट के लिए 10 लाख रुपये लिए और बदले में बाउंस चेक दिया।
साथ ही धमकी देने के भी आरोप लगे।
हालांकि, इन आरोपों की सत्यता की पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं हुई है।
इसके बावजूद, उनके चाहने वालों का कहना है कि “अविनाश अपने काम से ही जवाब देंगे” — और यही उनकी पहचान है।
🏛️ राजनीतिक संबंध और सामाजिक योगदान
अविनाश तिवारी को कई बार मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अन्य नेताओं के साथ देखा गया है, लेकिन वे स्वयं को मुख्य रूप से एक कलाकार बताते हैं।
उनका कहना है कि “मेरा मकसद राजनीति नहीं, बल्कि अपने क्षेत्र की संस्कृति को आगे बढ़ाना है।”
वे सीधी और आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसर देने के लिए भी जाने जाते हैं।
उनकी टीम कई नए कलाकारों को मंच प्रदान करती है ताकि बघेली भाषा और संस्कृति और भी समृद्ध हो सके।
🎭 बघेली सिनेमा को राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास
अविनाश तिवारी का सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने बघेली सिनेमा को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई।
जहाँ पहले बघेली भाषा को केवल एक बोलचाल की भाषा माना जाता था, वहीं आज यह फिल्मों, गानों और डिजिटल कंटेंट के माध्यम से पूरे भारत में लोकप्रिय हो रही है।
उनकी फिल्मों ने यह साबित किया कि क्षेत्रीय भाषाओं में भी बड़ी कहानियाँ और गहरा प्रभाव छिपा है।
❤️ व्यक्तित्व और विचारधारा
अविनाश तिवारी अपने सरल स्वभाव, हंसमुख व्यक्तित्व और सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।
वे हमेशा अपने शहर सीधी और विंध्य क्षेत्र के प्रति गर्व महसूस करते हैं।
उनकी यह सोच युवाओं के लिए प्रेरणा है कि चाहे आप किसी भी छोटे शहर से आते हों, अगर जुनून और मेहनत है तो सफलता निश्चित है।
📢 निष्कर्ष
अविनाश तिवारी सिर्फ एक कलाकार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन हैं जिन्होंने बघेली भाषा को गौरव और सम्मान दिलाया है।
उनकी यात्रा इस बात का प्रतीक है कि स्थानीय कला, अगर सही दिशा में प्रयास किया जाए, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँच सकती है।
आज वे सीधी की शान और विंध्य क्षेत्र के असली सुपरस्टार कहलाते हैं
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