नीट-यूजी: अब तक का सबसे कठिन पेपर; इंदौर में अंधेरे में देनी पड़ी परीक्षा
1. परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्थाएं: इंदौर के कई सेंटरों पर बिजली गुल
इंदौर शहर के कई नीट परीक्षा केंद्रों पर रविवार को परीक्षा के दौरान बिजली गुल हो गई। गर्मी के साथ-साथ अंधेरे ने छात्रों की परेशानी बढ़ा दी। विशेष रूप से एमआर-10 क्षेत्र और स्कीम नंबर 140 में स्थित दो केंद्रों में जनरेटर की सुविधा न होने के कारण छात्र-छात्राओं को अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी।
"हमने मोबाइल की फ्लैशलाइट से पेपर देखा, लेकिन इससे आंखों में तनाव हुआ और ध्यान भटकता रहा," – एक परीक्षार्थी ने बताया।
2. NEET-UG 2025 पेपर: सवाल कठिन और समय लेने वाले
इस बार का NEET-UG पेपर छात्र और कोचिंग एक्सपर्ट्स दोनों के अनुसार अब तक का सबसे कठिन रहा। बायोलॉजी सेक्शन अपेक्षाकृत आसान था, लेकिन फिजिक्स और केमिस्ट्री में गहन कांसेप्ट पर आधारित सवाल पूछे गए। कई प्रश्न एनसीईआरटी की सीमाओं से बाहर थे।
पेपर विश्लेषण:- विषयकठिनाई स्तरसवालों का स्वरूपबायोलॉजी मध्यम सीधे और एनसीईआरटी आधारित
केमिस्ट्री कठिन ऑर्गेनिक सेक्शन से अधिक सवाल
फिजिक्स बहुत कठिन लॉन्ग कैल्कुलेशन वाले प्रश्न
3. छात्र-छात्राओं की प्रतिक्रिया: निराशा और चिंता:-परीक्षा समाप्त होते ही छात्रों में हताशा का माहौल रहा। कई छात्रों ने बताया कि पेपर की कठिनाई और परीक्षा केंद्रों की अव्यवस्था ने उनके आत्मविश्वास को प्रभावित किया।
"तीन साल की तैयारी का ये परिणाम होगा, सोचा नहीं था। पेपर एक्सपेक्टेशन से काफी कठिन था।" – रीवा से आए एक छात्र ने कहा।
4. अभिभावकों में गुस्सा: NTA पर उठे सवाल:-
अभिभावकों ने परीक्षा की अव्यवस्था पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि NTA जैसे राष्ट्रीय स्तर की संस्था से इस तरह की लापरवाही की उम्मीद नहीं थी। बिजली की व्यवस्था, वेंटिलेशन और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं में भारी कमी देखी गई।
5. एक्सपर्ट्स की राय: कट-ऑफ हो सकती है कम:- कोचिंग संस्थानों और विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की कठिनाई को देखते हुए NEET-UG 2025 की कट-ऑफ पिछले वर्षों की तुलना में कम जा सकती है।
"अगर पेपर की कठिनाई और परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाए, तो जनरल कैटेगरी की कट-ऑफ 620–630 के बीच रह सकती है।" – Allen के फैकल्टी का अनुमान।
6. NTA की प्रतिक्रिया का इंतजार:-अब सभी की निगाहें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की आधिकारिक प्रतिक्रिया पर टिकी हैं। अभिभावकों और छात्रों की मांग है कि जिन परीक्षा केंद्रों में बिजली या अन्य अव्यवस्थाएं रहीं, वहां परीक्षा को दोबारा कराया जाए या स्पेशल कंडीशन को ध्यान में रखकर मूल्यांकन किया जाए।
निष्कर्ष
NEET-UG 2025 न केवल कठिन पेपर के लिए बल्कि प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के लिए भी याद रखा जाएगा। यह स्पष्ट है कि परीक्षा देने वाले छात्रों को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अब देखने वाली बात यह होगी कि NTA इस पूरे मामले पर क्या स्टैंड लेती है।