सीधी के जंगल में भीषण आग: 19 घंटे से धधक रही लपटें, 18 हेक्टेयर वनक्षेत्र जलकर खाक, वन्यजीव संकट में
सीधी, मध्य प्रदेश।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले से एक बड़ी और चिंताजनक खबर सामने आई है। जिले के घने जंगलों में अचानक भीषण आग लग गई, जो देखते ही देखते 18 हेक्टेयर क्षेत्र में फैल गई। बुधवार रात लगी इस आग पर 19 घंटे बीत जाने के बाद भी काबू नहीं पाया जा सका है।
कब और कहां लगी आग?
यह आग बुधवार रात लगभग 11 बजे के आसपास मोहनिया रेंज के जंगलों में लगी। यह इलाका जैव विविधता और वन्यजीवों के लिए बेहद संवेदनशील माना जाता है। आग लगने के तुरंत बाद वहां मौजूद कुछ ग्रामीणों ने धुआं उठता देखा और वन विभाग को सूचित किया। लेकिन जब तक टीमें मौके पर पहुंचतीं, आग काफी फैल चुकी थी।
आग का विकराल रूप-सूत्रों के अनुसार, इस आग ने अब तक 18 हेक्टेयर से अधिक वनक्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है। चारों ओर सूखी पत्तियों की मोटी परत, तेज हवाएं और गर्म तापमान के चलते आग ने तेजी से फैलाव लिया। दृश्य इतने भयावह हैं कि रातभर आसमान धुएं से ढंका रहा, और कई किलोमीटर दूर से भी आग की लपटें दिखाई दे रही थीं।
बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
वन विभाग, दमकल विभाग और राजस्व विभाग की टीमें पूरी रात और दिनभर आग बुझाने के प्रयास में जुटी हैं। दमकल की गाड़ियाँ, पानी के टैंकर, स्थानीय ट्रैक्टरों और पाइप लाइनों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिशें की जा रही हैं।सीधी जिले के वन मंडल अधिकारी ने बताया: स्थिति गंभीर है। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। 150 से अधिक कर्मचारी फील्ड में हैं। आग को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर नियंत्रित करने की रणनीति पर काम हो रहा है।"
बचाव कार्य में जुटा प्रशासन-वन विभाग, दमकल विभाग और राजस्व विभाग की टीमें पूरी रात और दिनभर आग बुझाने के प्रयास में जुटी हैं। दमकल की गाड़ियाँ, पानी के टैंकर, स्थानीय ट्रैक्टरों और पाइप लाइनों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिशें की जा रही हैं।सीधी जिले के वन मंडल अधिकारने बताया: "स्थिति गंभीर है। हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। 150 से अधिक कर्मचारी फील्ड में हैं। आग को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर नियंत्रित करने की रणनीति पर काम हो रहा है।"
सीधी के जंगल कई दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियों का घर हैं। इस आग की वजह से:
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वन्य जीव-जंतुओं का जीवन खतरे में पड़ गया है
कई जानवरों को जंगल से बाहर भागते देखा गया
नवजात पक्षियों के घोंसले जलने की आशंका जताई जा रही है
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आग जल्द नहीं बुझाई गई तो स्थानीय जैवविविधता को स्थायी नुकसान हो सकता है।
ग्रामीणों में डर का माहौल
जंगल से सटे गांवों में डर और दहशत का माहौल है। रातभर ग्रामीणों ने घरों से बाहर निकलकर आग को बढ़ते हुए देखा। सांस लेने में परेशानी, धुएं से आंखों में जलन जैसी शिकायतें सामने आई हैं। प्रशासन ने आसपास के कुछ स्कूलों को एहतियातन बंद करने के निर्देश भी दिए हैं।
ग्राम पनवार के निवासी नरेश पटेल कहते हैं:
"हमने पहले कभी इतनी भयानक आग नहीं देखी। जानवर भागते हुए गांव की ओर आए। बच्चे और बुजुर्ग डरे हुए हैं।"
आग लगने के संभावित कारण
हालांकि आग लगने के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन प्रशासन कुछ संभावित वजहों पर जांच कर रहा है:
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किसानों द्वारा खेतों की सफाई के लिए लगाई गई आग
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बीड़ी-सिगरेट का जलता टुकड़ा फेंका जाना
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अवैध लकड़ी कटाई के लिए जानबूझकर लगाई गई आग
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तेज गर्मी और सूखे की स्थिति से स्वतः स्फुलिंग
वन विभाग की एक टीम जांच में जुटी है और स्थानीय ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं तस्वीरें
जंगल में लगी आग की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। लपटें इतनी ऊंची हैं कि दूर-दूर तक नजर आ रही हैं। कई स्थानीय युवाओं ने वीडियो बनाकर प्रशासन को टैग करते हुए मदद मांगी है।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घटना का संज्ञान लेते हुए वन विभाग और जिला प्रशासन को तत्काल राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा:
"सीधी जिले के जंगलों में आग की घटना बेहद गंभीर है। संबंधित विभाग तुरंत प्रभाव से सभी ज़रूरी कदम उठाएं। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।"
- सैकड़ों पेड़ जलकर नष्ट हो गए
- प्राकृतिक जड़ी-बूटियों की दुर्लभ प्रजातियां खत्म हो सकती हैं
- मिट्टी की गुणवत्ता पर नकारात्मक असर पड़ेगा
बिंदु | विवरण |
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आग लगी | बुधवार रात 11 बजे के आसपास |
स्थान | मोहनिया रेंज, सीधी, मध्य प्रदेश |
प्रभावित क्षेत्र | 18 हेक्टेयर से अधिक |
बचाव टीम | वन विभाग, फायर ब्रिगेड, प्रशासन |
स्थिति | आग अब भी काबू में नहीं |
मुख्य चुनौती | तेज हवा, सूखा जंगल, दूरदराज़ इलाका |
संभावित कारण | मानव लापरवाही या जानबूझकर |
जैसे ही आग पर नियंत्रण पाया जाएगा, वन विभाग इन कार्यों को प्राथमिकता देगा:
प्राकृतिक पुनर्वनीकरण (Reforestation)वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए निगरानी अभियान
स्थानीय निवासियों को जागरूक करना
जांच पूरी कर दोषियों पर कार्रवाई निष्कर्ष: चेतावनी है यह आग
सीधी के जंगल में लगी यह आग सिर्फ एक स्थानीय हादसा नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। वनों की उपेक्षा, मानव लापरवाही और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे अब हमारी आंखों के सामने विकराल रूप ले रहे हैं। अब समय आ गया है कि सरकार, समाज और प्रत्येक नागरिक मिलकर जंगलों की रक्षा के लिए संकल्प लें।